केरल
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भारत का राज्य | |
राजधानी | तिरुवनन्तपुरम |
सबसे बड़ा शहर | तिरुवनन्तपुरम |
जनसंख्या | 3,34,06,061 |
- घनत्व | 860 /किमी² |
क्षेत्रफल | 38,863 किमी² |
- ज़िले | 14 |
राजभाषा | मलयालम[1] |
अतिरिक्त राजभाषा | —[1] |
गठन | 1 नवम्बर 1956 |
सरकार | |
- राज्यपाल | पी सतशिवम |
- मुख्यमंत्री | पिनाराई विजयन (भाकपा) |
आइएसओ संक्षेप | IN-KL |
kerala.gov.in |
- इन्हें भी देखें: केरल का परिचय
इतिहास
मुख्य लेख : केरल का इतिहास
अनुक्रम |
केरल शब्द की व्युत्पत्ति को लेकर विद्वानों में एकमत नहीं है। कहा जाता है कि "चेर - स्थल", 'कीचड़' और "अलम-प्रदेश" शब्दों के योग से चेरलम बना था, जो बाद में केरल बन गया। केरल शब्द का एक और अर्थ है : - वह भूभाग जो समुद्र से निकला हो। समुद्र और पर्वत के संगम स्थान को भी केरल कहा जाता है। प्राचीन विदेशी यायावरों ने इस स्थल को 'मलबार' नाम से भी सम्बोधित किया है। काफी लबे अरसे तक यह भूभाग चेरा राजाओं के आधीन था एवं इस कारण भी चेरलम (चेरा का राज्य) और फिर केरलम नाम पड़ा होगा।
केरल की संस्कृति हज़ारों साल पुरानी है। इसके इतिहास का प्रथम काल 1000 ईं. पूर्व से 300 ईस्वी तक माना जाता है। अधिकतर महाप्रस्तर युगीन स्मारिकाएँ पहाड़ी क्षेत्रों से प्राप्त हुई। अतः यह सिद्ध होता है कि केरल में अतिप्राचीन काल से मानव का वास था। केरल में आवास केन्द्रों के विकास का दूसरा चरण संगमकाल माना जाता है। यही प्राचीन तमिल साहित्य के निर्माण का काल है। संगमकाल सन् 300 ई. से 800 ई तक रहा। प्राचीन केरल को इतिहासकार तमिल भूभाग का अंग समझते थे। सुविधा की दृष्टि से केरल के इतिहास को प्राचीन, मध्यकालीन एवं आधुनिक कालीन - तीन भागों में विभाजित कर सकते हैं।
भूगोल
मुख्य लेख : केरल का भूगोल
विज्ञापनों में केरल को 'ईश्वर का अपना घर' (God's Own Country) कहा
जाता है, यह कोई अतिशयोक्ति नहीं है। जिन कारणों से केरल विश्व भर में
पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र बना है, वे हैं : समशीतोष्ण मौसम, समृद्ध
वर्षा, सुंदर प्रकृति, जल की प्रचुरता, सघन वन, लम्बे समुद्र तट और चालीस
से अधिक नदियाँ। भौगोलिक दृष्टि से केरल उत्तर अक्षांश 8 डिग्री 17' 30" और
12 डिग्री 47' 40" के बीच तथा पूर्व देशांतर 74 डिग्री 7' 47" और 77
डिग्री 37' 12" के बीच स्थित है।भौगोलिक प्रकृति के आधार पर केरल को अनेक क्षेत्रों में विभक्त किया जाता है। सर्वप्रचलित विभाज्य प्रदेश हैं, पर्वतीय क्षेत्र, मध्य क्षेत्र, समुद्री क्षेत्र आदि। अधिक स्पष्टता की दृष्टि से इस प्रकार विभाजन किया गया है - पूर्वी मलनाड (Eastern Highland), अडिवारम (तराई - Foot Hill Zone), ऊँचा पहाडी क्षेत्र (Hilly Uplands), पालक्काड दर्रा, तृश्शूर-कांजगाड समतल, एरणाकुलम - तिरुवनन्तपुरम रोलिंग समतल और पश्चिमी तटीय समतल। यहाँ की भौगोलिक प्रकृति में पहाड़ और समतल दोनों का समावेश है।
केरल को जल समृद्ध बनाने वाली 41 नदियाँ पश्चिमी दिशा में स्थित समुद्र अथवा झीलों में जा मिलती हैं। इनके अतिरिक्त पूर्वी दिशा की ओर बहने वाली तीन नदियाँ, अनेक झीलें और नहरें हैं।
- इन्हें भी देखें: केरल की नदियां एवं केरल की झीलें
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